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आज के समय में जब हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में लोन, क्रेडिट कार्ड या फाइनेंस से जुड़ा हुआ है, तब CIBIL Score (सिबिल स्कोर) का महत्व बहुत बढ़ गया है। यह एक ऐसा अंक है जो आपके वित्तीय अनुशासन और क्रेडिट व्यवहार को दर्शाता है। बैंक या कोई भी वित्तीय संस्था किसी को लोन देने से पहले इस स्कोर को देखकर तय करती है कि वह व्यक्ति लोन चुकाने में भरोसेमंद है या नहीं

आइए विस्तार से समझते हैं कि CIBIL स्कोर क्या होता है, कैसे बनता है, कैसे सुधारा जा सकता है, और किन कारणों से यह खराब होता है।

1.CIBIL Score क्या होता है?-

CIBIL Score एक तीन अंकों का क्रेडिट स्कोर होता है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) यानी ऋण लेने और चुकाने के रिकॉर्ड के आधार पर तय किया जाता है।

इसे TransUnion CIBIL नाम की कंपनी तैयार करती है। भारत में यह सबसे प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) है, जो देशभर के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से जानकारी लेकर यह स्कोर तैयार करती है।

CIBIL स्कोर आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है:

  • 750 से ऊपर: बहुत अच्छा (Excellent)
  • 700 – 749: अच्छा (Good)
  • 650 – 699: औसत (Fair)
  • 550 – 649: कमजोर (Poor)
  • 300 – 549: बहुत कमजोर (Very Poor)

जितना ज़्यादा आपका स्कोर होगा, बैंक और लोन देने वाली कंपनियाँ उतना ही आप पर भरोसा करेंगी।

2.CIBIL Score कैसे बनता है?

CIBIL स्कोर आपके क्रेडिट व्यवहार के कई पहलुओं को देखकर तय किया जाता है। इसका निर्धारण चार मुख्य कारकों पर होता है:

(i) भुगतान इतिहास (Payment History) – 35% योगदान

आपने अब तक जितने भी लोन या क्रेडिट कार्ड लिए हैं, उनके भुगतान (EMI या बिल) कितनी समय पर किए गए, यह सबसे बड़ा फैक्टर होता है।
यदि आप टाइम पर EMI या क्रेडिट कार्ड बिल भरते हैं, तो आपका स्कोर बढ़ता है। लेकिन यदि आप भुगतान में देरी करते हैं या डिफॉल्ट करते हैं, तो स्कोर तेजी से गिरता है।

(ii) क्रेडिट उपयोग अनुपात (Credit Utilization Ratio) – 30% योगदान

यह दर्शाता है कि आपने अपनी कुल उपलब्ध क्रेडिट लिमिट का कितना प्रतिशत उपयोग किया है।
उदाहरण के लिए, यदि आपके पास ₹1,00,000 की लिमिट है और आप हर महीने ₹80,000 तक खर्च करते हैं, तो यह 80% उपयोग है — जो नकारात्मक माना जाता है।
आदर्श स्थिति यह है कि 30% से कम क्रेडिट का उपयोग करें।

(iii) क्रेडिट मिक्स (Credit Mix) – 10% योगदान

CIBIL स्कोर इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार के लोन लिए हैं।
यदि आपके पास सिक्योर्ड लोन (जैसे होम लोन, कार लोन) और अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) का संतुलित मिश्रण है, तो यह बेहतर माना जाता है।

(iv) नए लोन की संख्या और पूछताछ (Credit Enquiries) – 10% योगदान

अगर आप बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट बार-बार खंगालते हैं। इसे हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry) कहते हैं और इससे आपका स्कोर गिरता है।
इसलिए बिना ज़रूरत बार-बार आवेदन करना नुकसानदायक है।

(v) पुराना क्रेडिट इतिहास (Length of Credit History) – 15% योगदान

आपका क्रेडिट इतिहास जितना पुराना और स्थिर होगा, उतना बेहतर। पुराने खाते दिखाते हैं कि आप लंबे समय से जिम्मेदार तरीके से क्रेडिट का उपयोग कर रहे हैं।

3.CIBIL Score क्यों जरूरी है?-

CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय प्रतिष्ठा (Financial Reputation) का प्रतीक है। इसका महत्व कई कारणों से है:

  1. लोन स्वीकृति में आसानी:
    उच्च स्कोर होने पर लोन आसानी से स्वीकृत हो जाता है।
  2. कम ब्याज दर:
    अच्छा स्कोर होने पर बैंक बेहतर ब्याज दरें ऑफर करते हैं।
  3. क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ना:
    समय पर भुगतान करने से कार्ड लिमिट और ऑफ़र बढ़ते हैं।
  4. किराये या नौकरी में भरोसा:
    कुछ कंपनियाँ और मकान मालिक अब किरायेदारों या कर्मचारियों का CIBIL स्कोर भी देखते हैं।

4.CIBIL Score कैसे सुधारा जाए?-

अगर आपका स्कोर गिर गया है या औसत है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ आसान लेकिन अनुशासित कदमों से आप इसे सुधार सकते हैं:

(i) समय पर भुगतान करें

हर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल को ड्यू डेट से पहले चुका दें। एक भी मिस्ड पेमेंट स्कोर को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

(ii) कम क्रेडिट उपयोग करें

हर महीने अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करें।
यदि आप ज्यादा उपयोग करते हैं, तो बैंक मानते हैं कि आप पर अत्यधिक वित्तीय दबाव है।

(iii) पुराना अकाउंट बंद न करें

पुराने क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट को चालू रखें, क्योंकि यह आपके लंबे क्रेडिट इतिहास को दर्शाता है।

(iv) एक साथ कई लोन के लिए आवेदन न करें

बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से “हार्ड इंक्वायरी” बढ़ जाती हैं, जिससे स्कोर घटता है।

(v) मिश्रित क्रेडिट रखें

सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों तरह के लोन का मिश्रण रखें। यह आपकी जिम्मेदारी और विविधता दिखाता है।

(vi) अपनी रिपोर्ट नियमित रूप से जांचें

कभी-कभी बैंक या CIBIL की रिपोर्ट में गलती हो सकती है। इसलिए हर 6 महीने में अपनी रिपोर्ट जांचें और किसी भी त्रुटि को सुधारवाएँ।

5.CIBIL Score में गिरावट क्यों आती है?-

कई बार लोग अनजाने में ऐसे कदम उठा लेते हैं जो उनके स्कोर को नीचे खींच देते हैं। प्रमुख कारण हैं:

  1. EMI या कार्ड बिल में देरी या डिफॉल्ट
  2. बहुत ज्यादा लोन या कार्ड का उपयोग
  3. बार-बार नए क्रेडिट के लिए आवेदन करना
  4. पुराने कार्ड बंद कर देना
  5. किसी और के लोन पर गारंटर बनना और उनका डिफॉल्ट करना
  6. रिपोर्ट में गलत जानकारी दर्ज होना

इनमें से कोई भी कारण आपके स्कोर को 50–200 अंकों तक गिरा सकता है।

6.CIBIL Score चेक करने की प्रक्रिया-

आप अपना सिबिल स्कोर खुद भी आसानी से देख सकते हैं।

  1. TransUnion CIBIL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ – www.cibil.com
  2. “Get Your CIBIL Score” पर क्लिक करें।
  3. अपना नाम, जन्मतिथि, पैन नंबर और ईमेल डालें।
  4. ओटीपी से वेरिफाई करें।
  5. आपकी रिपोर्ट और स्कोर स्क्रीन पर दिखाई देंगे।

CIBIL साल में एक बार मुफ्त रिपोर्ट देता है। इसके बाद आप भुगतान कर के अतिरिक्त रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।

7.अच्छा CIBIL Score बनाए रखने के फायदे-

लोन जल्दी स्वीकृत होता है

कम ब्याज दर पर ऑफ़र मिलते हैं

क्रेडिट लिमिट बढ़ती है

बेहतर वित्तीय प्रतिष्ठा बनती है

भविष्य में किसी भी वित्तीय योजना में आसानी होती है

निष्कर्ष-

CIBIL स्कोर केवल एक नंबर नहीं, बल्कि यह आपकी वित्तीय आदतों और अनुशासन का आईना है।
यह दर्शाता है कि आप उधार लिए गए पैसे को कितनी जिम्मेदारी से संभालते हैं।

अगर आप समय पर भुगतान करते हैं, क्रेडिट का सीमित उपयोग करते हैं, और अनुशासित वित्तीय व्यवहार अपनाते हैं, तो आपका स्कोर स्वाभाविक रूप से ऊँचा बना रहेगा।

AI और डिजिटल युग में, जहाँ हर चीज़ रिकॉर्ड में है, CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय पहचान बन गया है। इसलिए इसे बनाए रखना उतना ही जरूरी है जितना किसी बैंक खाते या पैन कार्ड को सुरक्षित रखना।

याद रखें:
“अच्छा CIBIL स्कोर न केवल लोन की चाबी है, बल्कि यह आपके भरोसे और जिम्मेदारी की पहचान भी है।”

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